काकोरी क्रांति के ट्रेन एक्शन स्थल पर अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन: 100 वर्ष पूर्व की क्रान्ति गाथा सुन रोमांचित हो गए लोग

काकोरी। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के तत्वावधान में आज केकरी क्रांति के ट्रेन एक्शन घटना स्थल पर अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया । इस अवसर पर आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने ट्रेन एक्शन घटनास्थल पर खड़े होकर लोगों को 100 वर्ष पूर्व की घटना का वृत्तान्त सुनाया।
शैलेंद्र दुबे ने कहा की यह वह ऐतिहासिक स्थल है जहां पंडित राम प्रसाद बिस्मिल,चन्द्र शेखर आजाद,अशफाक उल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह,राजेन्द्र लाहिड़ी और अन्य क्रांतिकारियों ने 08 डाउन सहारनपुर पैसेंजर की चेन खींचकर ट्रेन रोक दी और ब्रिटिश सरकार का खजाना अपने कब्जे में ले लिया। 
उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक घटना थी जिसके बिना  भारतीय स्वतंत्रता संग्राम लिखा ही नहीं जा सकता। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल,अशफ़ाकउल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी की सजा सुनाई जबकि उन्होंने किसी की हत्या नहीं की थी। 
ब्रिटिश जज ने अपने फैसले में लिखा कि इन लोगों ने किसी की हत्या नहीं की है फिर भी हम इन्हें इसलिए फांसी की सजा सुना रहे हैं क्योंकि उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी और उनका उद्देश्य ब्रिटिश हुकूमत को भारत से उखाड़ फेंकना था।
उन्होंने 100 साल पहले हुई  क्रांति की पूरी दास्तान जब सुनाया तो उपस्थित लोगों के रोंगटे खड़े हो गए और सभी लोग भाव विह्वल हो गए।
इस अवसर पर सर्वजन हिताय संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को अलग-अलग जेल में फांसी दिए जाने का वृत्तान्त सुनाया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल वाहिद,काकोरी स्मारक के केयरटेकर मुन्नीलाल राजपूत,नवनीत कुमार चौहान,गुड्डू मुक्तेश्वर आनंद,तथा छोटे बच्चों नेअमर शहीदों की जयकार और भारत माता की जय के नारे के साथ अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का कार्यक्रम समाप्त हुआ।
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