सामाजिक परिवर्तन के क्रांतिदूत पेरियार ललई सिंह यादव की मनाई गई जंयती:वक्ताओं ने कहा-आजीवन अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ करते रहे संघर्ष

सोनभद्र। आज 1 सितंबर को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन सोनभद्र द्वारा  डीबीए सचिवालय में अध्यक्ष जगजीवन सिंह की अध्यक्षता में पेरियार ललई सिंह यादव की 114 वीं जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम ललई सिंह यादव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया।
अध्यक्ष जगजीवन सिंह एड ने कहा कि पेरियार ललई सिंह यादव, पेरियार ई बी रामास्वामी नायकर के सच्चे शिष्य थे। वे आजीवन अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ संघर्ष करते रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार मौर्य ने कहा कि उत्तर भारत के पेरियार कहलाने वाले, सामाजिक न्याय के पुरोधा, नाटककार और प्रकाशक ललई सिंह यादव की 114वीं जयंती है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1911 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के कठारा गाँव में हुआ था। एक सिपाही से लेकर समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज़ बनने तक का उनका सफर भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ गया।          श्याम बिहारी यादव एड ने कहा कि ललई सिंह यादव का जीवन तर्कवाद और जाति-विरोधी सक्रियता की रूपांतरकारी शक्ति का प्रमाण था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,धार्मिक संवेदनशीलता और सामाजिक सुधार पर चल रही बहसों के बीच यह जयंती राज्य की सेंसरशिप के खिलाफ संवैधानिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए लड़े गए युद्धों की एक मार्मिक याद दिलाती है। संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष एड पवन कुमार सिंह ने किया। जयंती के अवसर पर चौधरी यशवंत सिंह,डा लोकपति सिंह पटेल,ओमप्रकाश मौर्य,प्रदीप कुमार मौर्य,राजेश कुमार यादव,शांति वर्मा, चन्द्र प्रकाश सिंह,कामता प्रसाद यादव,राजेन्द्र यादव,फूल सिंह, रामगुल्ली,दसरथ यादव,राजकुमार सिंह,सुरेश सिंह आदि लोग उपस्थित थे!

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